वो मेरी वाफ़ाओं का सिला कुछ इस तरह से देता है...

Social Icons

November 22, 2011

वो मेरी वाफ़ाओं का सिला कुछ इस तरह से देता है...

वो मेरी तमाम वाफ़ाओं का सिला कुछ इस तरह से देता है
बात करके कुछ ऐसी मुझे मेरी नज़रों से गिरा देता है |

ख्याल रखता है वो मेरा कुछ इस तरह से
के ज़ुबान के नश्तर से मुझे मार देता है |

उसकी बात फाँस बन कर अटक जाती है मेरे दिल में
वो कभी कभी बिन मौत मुझे मार देता है |

बनती है फिर मेरी ज़ात ही शिकवे शिकायतों का मेहवार
यूँ लगता है मुझे वो मेरे होने की सज़ा देता है |

ना जाने कैसे सहता है वो मेरे वजूद को
मुझे अपने उपर बोझ क़रार देता |

भूल जाता हूँ मैं बहुत जल्द इन ज़्यादतियों को
वो जब एक बार मुझे देख कर मुस्कुरा देता है |

No comments:

Post a Comment

आपकी टिप्पणी(comments) हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
अत: टिप्पणी कर उत्साह बढ़ाते रहें।