तो रोना मत, हँस देना..

Social Icons

February 23, 2011

तो रोना मत, हँस देना..

बरसों बाद.. जब तुम्हारी नज़र पड़ेगी

और उस पुरानी तस्वीर पर जा रुकेगी

जिसमें हम सब यार हँस रहे हैं

एक केक के टुकड़े के लिए लड़ रहे हैं

तब इन दिनों को फिर से जीना नहीं चाहोगे भला ?

जब धूल भरी कोई फटेहाल कॉपी मिलेगी

जिसमें होगा वो tic-tac-toe का अधूरा गेम

जिसे खेलते हुए हमें class से बाहर निकाला गया था

याद कर.. तुम हँस पाओगे क्या ?

उसी कॉपी में रखा हुआ वो सूखा गुलाब

अधूरे प्यार की याद दिला जाए शायद

दोस्तों ने खूब मज़ाक उड़ाया था
ना

हँसते हँसते तुम टाल गए थे अपने दिल की बात

अब मीठी सी याद के सिवा कुछ बचा है क्या?

जब झगड़े में कसम खा लेते टांगे तोड़ने की :)


एक सॉरी, कोल्ड ड्रिंक और समोसे के बाद

ऐसे झगड़ा भूलते जैसे कुछ हुआ ही ना
हो

आज दुनिया कि formality में वो अपनापन कहीं पाओगे भला
  ?

Test में cheating करने पर जब साथ में पकड़े गए थे

और जब तुझे 0 और मुझे 1 मिला था

"कमीने दे दिया
ना धोखा.." तुमने कहा था

वैसा प्यार भरा धोखा अब कहीं खाओगे क्या
?

"अब चाय कौन पिलाएगा?" इस सवाल पर झगड़ते थे

चिल्लर जोड़ते, शर्तों में उलझे रहते थे और ध्यान...

चाय से ज़्यादा पीने वाली पे रखते थे

चिल्लर की मिठास अब किसी चाय में पाओगे
क्या ?

जब maggi खाते, गप्पें मारते निकल जाती थी रातें


जब birthday पर wishes कम, खायी थी ज़्यादा लातें

जब जाते जाते भर आई थी सबकी आँखें

जब ऐसे यार छूटे..और ना
जाने कितने सपने टूटे..

जब हमने decide किया था कि contact में रहेंगे

जब किसी ने 'keep-in-touch' को 'keep-touching' कहा था :')

याद है ना
?

बरसों बाद.. आज पता नहीं सारे वादे..

सारे contacts खो से गए हैं

दुनिया की रफ़्तार में फसे

भूल भुलैया में गुम गए हैं

कौन कहाँ है.. पता ही नहीं कुछ

बस इतनी उम्मीद है कि

कभी इस ओर मुड़ कर देखो

तो रोना मत, हँस देना..

बरसों बाद.. जब नज़र पड़े तुम्हारी


तो रोना मत, हँस देना..

इतनी सी है कसम

बस इतना ही मांग रही यारी..

3 comments:

  1. अपने दुश्‍मन को मित्र बनाने के हजार अवसर दो लेकिन अपने मित्र को दुश्‍मन बनने का
    एक भी मौका मत दो।


    मित्र- अपने मित्र को अधर्म और पाप से बचाना, उसके
    हित में संलग्न रहते हुए उसके गुप्त रहस्य किसी अन्य व्यक्ति के सामने प्रकट न
    करना, विपत्ति काल में भी उसके साथ रहना और आवश्यकता पड़े तो उसकी तन, मन और धन से
    सहायता करना यही मित्रता का लक्षण है।


    कार्यालय : वह स्थान जहां आप घर
    के तनावों से मुक्ति पाकर विश्राम कर सकते हैं।

    अगर संगत से ही तमाम खूबियां
    आ जातीं तो गन्ने में उगने वाले पौधों में रस क्यों नहीं होता ?

    ReplyDelete
  2. "इक छोटी सी अर्जी है मान लेना
    हम भी तेरे दोस्त हैं ये जान लेना
    खुशियों में चाहे हम याद आए न आए
    पर जब भी ज़रूरत पड़े हमारा नाम लेना
    इस जहाँ में होंगे तो ज़रूर आएंगे
    दोस्ती मरते दम तक निभाएंगे |"

    प्रवीण जी आपके इस पोस्ट से पुरानी यादें ताज़ा हो गयी और
    विजय भरद्वाज जी की टिप्पड़ी सराहनीय है |

    ReplyDelete
  3. "इक छोटी सी अर्जी है मान लेना
    हम भी तेरे दोस्त हैं ये जान लेना
    खुशियों में चाहे हम याद आए न आए
    पर जब भी ज़रूरत पड़े हमारा नाम लेना
    इस जहाँ में होंगे तो ज़रूर आएंगे
    दोस्ती मरते दम तक निभाएंगे |"

    प्रवीण जी आपके इस पोस्ट से पुरानी यादें ताज़ा हो गयी और
    विजय भरद्वाज जी की टिप्पड़ी सराहनीय है |

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणी(comments) हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
अत: टिप्पणी कर उत्साह बढ़ाते रहें।