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September 03, 2014

इमेज, PDF या स्कैन किये हुए फाइल्स को एडिट करना हुआ एकदम आसान.

दोस्तों मेरे कुछ पीडीएफ डॉक्यूमेंट पड़े थे जिसको एडिट करना था पर हो नहीं रहा था इस समस्या के समाधान को तलाशने के लिए मैंने ब्लॉग ब्लॉग का चक्कर लगाया और काफी मसक्कत के बाद आज बालेंदु शर्मा जी के लेख को पढ़ कर संतुस्टी मिली...

धन्यवाद शर्मा जी आपका..

अब इतनी अच्छी जानकारी गुल्लक के पाठको के साथ साझा न किया जाये ये तो संभव नहीं क्युकी गुल्लक तो है ही गुल्लक..

तो आईये नज़र डालते है की कैसे स्कैन किए गए दस्तावेजों को टेक्स्ट फॉर्मैट में बदल सकते है वो भी बिलकुल मुफ्त और बिना किसी सॉफ्टवेयर की सहायता से..

हम बता रहे हैं दो ऐसे तरीके, जिनसे आप स्कैन किए हार्ड कॉपी को सॉफ्ट कॉपी में बदल सकते हैं। गल की सुविधा सिर्फ अंग्रेजी तक सीमित नहीं है। यह करीब तीन दर्जन भाषाओं में उपलब्ध है, जिनमें हिंदी भी शामिल है। हालांकि हिंदी के इमेज-आधारित दस्तावेजों को कन्वर्ट करने पर हासिल होने वाले टेक्स्ट में बहुत गलतियां होती हैं। इसकी भारी प्रूफ रीडिंग करनी होगी। ऐसे में हिंदी में गूगल ड्राइव की ओसीआर सुविधा ज्यादा व्यावहारिक महसूस नहीं होती।

गूगल ड्राइव के अलावा कुछ और ओसीआर सॉफ्टवेयर हैं, जो हिंदी को ठीक-ठाक सपोर्ट करते हैं। इनमें वेब आधारित ओसीआर सर्विसेज भी शामिल हैं और कंप्यूटर में इन्स्टॉल होने वाले सॉफ्टवेयर भी।

www.i2ocr.com वेबसाइट दूसरी भाषाओं के साथ-साथ हिंदी टेक्स्ट रिकॉग्निशन की सुविधा भी देती है। यह पीडीएफ दस्तावेजों को नहीं पहचानती, इसलिए अपने दस्तावेज को स्कैन करने के बाद इमेज फाइल फॉर्मैट में सेव करें, जैसे jpg, bmp, png वगैरह। यह सुविधा फ्री में उपलब्ध है। IndSenz नाम की विदेशी कंपनी के डिवेलपर ओलिवर हेलविग की तरफ से विकसित IndSenz Hindi OCR सॉफ्टवेयर साधारण फॉर्मैटिंग वाले हिंदी टेक्स्ट के रिकॉग्निशन का काम बखूबी करता है, लेकिन यह फ्री नहीं है। आइए, देखते हैं ये दोनों सर्विसेज कैसे काम करती हैं :

वेब आधारित OCR

1. सबसे पहले www.i2ocr.com/free-online-hindi-ocr पर जाएं।

2. नीचे की तरफ, जहां Let's OCR लिखा है, वहां Step 1 के तहत आपकी स्कैन फाइल को अपलोड करने की सुविधा मौजूद है। अपलोड करने के लिए कंप्यूटर में मौजूद स्कैन इमेज फाइल को चुन लें।

3. अब वेबसाइट पर Step 2 पर नजर डालें। यहां Hindi भाषा चुनी हुई होनी चाहिए। नहीं है, तो हिंदी को सिलेक्ट कर लें।

4. अब Step 3 पर मौजूद Extract Text बटन दबाएं, जिससे आपकी फाइल के अपलोड होने और उसके भीतर मौजूद टेक्स्ट को पहचानने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

5. इसी वेब पेज पर दो बॉक्स खुल जाएंगे। इनमें से लेफ्ट वाले बॉक्स में टेक्स्ट दिखाई देगा। इस टेक्स्ट को कॉपी कर अपने कंप्यूटर में खुली हुई वर्ड फाइल में पेस्ट कर लें। अब जरूरत के लिहाज से एडिट कर लें।

6. आप देख सकते हैं कि सामान्य फॉर्मैटिंग वाले हिंदी टेक्स्ट का 90 फीसदी शुद्धता के साथ कन्वर्जन हो जाता है। अगर संबंधित इमेज फाइल आपके कंप्यूटर में नहीं बल्कि किसी वेबसाइट पर है तो यहां उसका वेब अड्रेस देकर सीधे टेक्स्ट कन्वर्जन मुमकिन है।

सॉफ्टवेयर के जरिए कन्वर्जन

इंडसेन्ज़ कंपनी की तरफ से विकसित हिंदी ओसीआर सॉफ्टवेयर को www.indsenz.com वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। इसे आजमाने के लिए फ्री वर्जन डाउनलोड किया जा सकता है, हालांकि वह सिर्फ सॉफ्टवेयर की क्षमताओं का प्रदर्शन भर करता है। फ्री वर्जन के जरिए इमेज फाइल से निकाला गया टेक्स्ट इस्तेमाल करना संभव नहीं है, क्योंकि इसे न तो फाइल की शक्ल में सेव किया जा सकता है और न ही कट-कॉपी-पेस्ट के जरिए ही सॉफ्टवेयर से बाहर ले जाया जा सकता है। बहरहाल, ट्रायल वर्जन अपनी क्षमताओं का बखूबी प्रदर्शन कर देता है। अगर आप इसका दफ्तर के काम-काज में नियमित रूप से इस्तेमाल करने के इच्छुक हैं तो आपको पेड वर्जन खरीदना होगा। इसके दो पेड वर्जन हैं। सामान्य वर्जन की कीमत करीब 12 हजार रुपए है, जबकि प्रफेशनल वर्जन करीब 16 हजार रुपए का पड़ेगा।

कैसे काम करता है

1. सबसे पहले indsenz.com से हिंदी ओसीआर सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर कंप्यूटर में इन्स्टॉल करें। अब सॉफ्टवेयर को लॉन्च करें।

2. इसके फाइल मेनू में Open Images पर क्लिक करें।

4. अब खुलने वाले डायलॉग बॉक्स में अपनी स्कैन फाइल को चुन लें। यहां इमेज के साथ-साथ पीडीएफ फाइल को भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

5. सॉफ्टवेयर के ऊपरी हिस्से में टूलबार में बने बटनों पर नजर डालें। यहां लेंस के आइकन वाले बटन पर माउस ले जाने पर Start the text recognition दिखाई देगा। इस बटन को क्लिक करे।

6. इससे इमेज फाइल में मौजूद टेक्स्ट को पहचानने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पहचाने गए टेक्स्ट को नीचे की ओर मौजूद बॉक्स में दिखाया जाएगा।

7. आप देख सकते हैं कि इस बॉक्स में माउस का कर्सर दिखाई दे रहा है और इस टेक्स्ट को सिलेक्ट करना मुमकिन है। जाहिर है, यह इमेज नहीं बल्कि टाइप किए हुए मैटर जैसा है।

June 06, 2014

बयान का दर्दनाक अंत - बलात्कार की घटनाओ पर एक विषेश लेख

गांव से आई दुष्कर्म की शिकार बाला- {लालपरी} ने सिर के आँचल को सम्हालते हुए शंसय भरा प्रश्न किया| मैडम बयान भी ले लो ……..स्टेमेंट भी ले लो| पर अब मैं स्टेमेंट देने लायक नहीं हूँ …….. सबने लिया स्टेमेंट किसी ने नहीं छोड़ा …….. जानवर बन गए …….. एक मजबूर इंसान के साथ, जांच के नाम पर …….. मुझे न्याय (इंसाफ)  देने के नाम पर …….. केवल और केवल स्टेटमेंट लेना होगा|

जज मैं समझी नहीं ? दस्तावेजों के मुताबिक तुम्हारा नाम लालपरी है न ? जज साहिबा ने चश्में को उतारते हुए तिरछे देखते पूछा | जी ! मैडम मेरा नाम लालपरी बापू का नाम भरत साह ,साकिम खारगुन, तहसील - बेणी थाना - मौना ,जिला-महबूब नगर | एक साँस में बोल गयी | हाँ सो तो ठीक है ,ये सब दस्तावेजों में है | 

लालपरी ! डरो नहीं अपना बयान कलमवद्ध कराओ .स्टेटमेंट दो , हम तुम्हारे साथ हैं जज साहिबा ने रहस्यमयी स्थिति को कुछ समझते हुए कहा| रेप पीड़िता, मुझे अब जहर दे दो ,फांसी दे दो ,अब मत लो स्टेमेंट| अब नहीं जीना चाहती| आप नहीं समझ सकती कि मेरे माँ-बापू पर क्या बीतती होगी ……..,मुझ पर क्या बीतती है| बापू रोता है कहता है अब कौन थामेगा मेरी लालपरी का हाथ| ये लगा कलंक कहाँ मिटेगा अब ...बिलबिला उठी थी मेज पर सिर रख कर लालपरी|

जज साहिबा ने सम्हालते हुए एक गिलास पानी देने को कहा और पानी पीते ही सच बताने का आग्रह किया| …….. मैडम जी! मेरे बापू ने माँ की दवाई के लिए गांव के ही हरी चंद से ब्याज पर पैसे लिए जो अभी चुकता नहीं हो सका है| आठ हजार चुकता करने के बाद भी उसका चार हजार,,चार साल में सोलह हजार हो गया| रोज पैसों के लिए धमकाता था| एक दिन माँ बापू खेत में थे,,शैतान ने मुझे अकेला देख मेरे साथ बुरा काम किया और कहीं कहने पर मुझे व मेरे माँ बापू को जान से मार देने की धमकी दे गया|

माँ के घर आने पर मैंने माँ से सारी आप बीती बताई| माँ सन्न रह गयी| माँ ने बापू को मेरी दास्तान बताई| मुझे ले माँ- बापू सरपंच के पास गए| जाँच और स्टेमेंट (बयान) जरुरी है, कह उसने अकेले एक कमरे में लेजा स्टेमेंट लिया| थाने पर वह हम लोगों को साथ ले गया, वहां मुंशी, दिवान से सरपंच ने कुछ बात किया और चला आया| थाने में मुंशी, दिवान व दरोगा ने स्टेमेंट लिया, तमाम शर्मनाक सवाल - जबाब करते रहे, इसे जाँच व कार्यवाही समझ हम चुप-चाप सहते रहे , कि न्याय मिलेगा ,दोषी को सजा मिलेगी|

हद तब हो गयी अस्पताल गए वहां भी कम्पाउण्डर व डाक्टर ने स्टेमेंट लिया| कैसे -कैसे जाँच किया बताना मुश्किल। हम क्या करें कहाँ जाये| जो काम उस सूदखोर ने किया वही स्टेमेंट के नाम पर सभी ने किया ... | मैडम अब मेरी शरीर और आत्मा साथ नहीं देते .. .फफक कर रो पड़ी थी बाला लालपरी |

जज साहिबा के आँखो में नमीं थी, मौसम और माहौल बादल गया  था, बादल घिरे हुए थे, कब बरस जायेगें कहा नहीं जा सकता| . ..  मैडम ने अर्दली प्रेमसिंह को आवाज दी| जी हुजूर ! प्रेम सिंह अंदर दाखिल हुआ . ..  बाहर बैठे इनके माता-पिता को अंदर बुलाओ| जी अच्छा| प्रेम सिंह बाहर चला गया| अंदर मुंसफ गंभीर मुद्रा में और फरियादी हाथ जोड़े एक दूसरे को आशा भरी निगाह से देख रहे थे सभी चुप थे| मौन बोल रहा था| शायद अब आगे बयान या ... की आवश्यकता नहीं थी| ... 

बाहर निकल लालपरी माँ से लिपट रो पड़ी थी| माँ जन्मते ही तूने मुझे संखिया (जहर) दे दिया होता ,ये दिन न देखने पड़ते, ... तू कहती हैं न कि गरीब मजलूम की बेटी का कोई सगा नहीं ..... अब कौन किसको क्या देगा ... शायद तारीखें बताएंगी ... दो दिन बाद अखबारों में खबर थी ... बेटी संग माँ-बाप गंगा-नहर में डूब मरे, ... अभी तक कारण पता नहीं चल सका है|


(लेखक परिचय: - प्रवीण कुमार (केसरी) B.Com., L. L. B., MARD (Advocate) जिला संयोजक, झारखण्ड आन्दोलनकारी मंच, गढ़वा)

May 26, 2014

क्यों होते है प्रोफाइल हैक और कैसे बचे इससे?

इन दिनों इंटरनेट की सबसे बड़ी समस्या हैकिंग का है, अभी कुछ दिन पहले तकरीबन 2लाख फेसबुक यूजर इसके शिकार हुए है सिर्फ फेसबुक ही नहीं बल्कि जीमेल, गूगल लिंक्डइन के यूजर भी परेशान है इस समस्या से ज्यादातर फेसबुक यूजर की समस्या है कि या तो उनका अकाउंट किसी ने हैक कर लिया है या उनकी वॉल पर किसी ने कोई भी सामग्री (अश्लील फोटो या मैसेज) पोस्ट कर दी है जिससे फेसबुक फ्रेंड्स के सामने गलत इमेज बनती है।

किसका होता है अकॉउंट हैक?

अकाउंट हैक की कोशिश उन यूजर के साथ ज्यादा हो रही है जिन्हें कम्प्यूटर का बेसिक नॉलेज कम है या जो अपना पासवर्ड बदलते ही नहीं हैं। या फिर बिना सोचे समझे सभी मेल, मैसेज या लिंक को ओपन कर देते है जिसकी वजह से उनका पासवर्ड हैकर तक बड़े आसानी से पहोच जाता है या फिर ऐसे लोग वायरस के शिकार होते है |

इनसब से बचने के तरीके:
एक्सपर्ट मानते हैं कि आजकल इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग का चलन ज्यादा हो गया है। कोई भी व्यक्ति इंटरनेट न जानते हुए भी फेसबुक और अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट का उपयोग करने लगता है। ऐसे व्यक्तियों को बेसिक कम्प्यूटर नॉलेज होना बहुत जरूरी है उसके बाद ही उन्हें इंटरनेट का प्रयोग करना चाहिए।

अगर हम छोटी छोटी बातो का ध्यान रखते हुए इंटरनेट इस्तमाल करे तो हैकिंग की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है जैसे -
  • किसी दोस्तों की तरफ से मैसेज आता है तो उसे प़ढ़कर व समझकर ही क्लिक करें क्योंकि उसमें वायरस हो सकता है। यदि समझ नहीं आए तो उसे डिलीट कर दें। या फिर तुरंत ही उस व्यक्ति को सूचित करें जिसके अकाउंट से वॉल पर पोस्ट हुआ है।
  • ई-मेल पर कोई लिंक आती है तो उसे भी क्लिक न करें।
  • समय समय पर अपने पासवर्ड को बदलते रहे |
  • पासवर्ड हमेशा ऐसा चुने जिसका आसानी से अंदाजा न लगाया जा सके (नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर इन सबको पासवर्ड बनाने से बचे)
  • अल्फान्यूमेरिक पासवर्ड स्पेशल करैक्टर (@, #, &, etc.) के साथ हमेशा अच्छा माना जाता है जैसे – Name@8756, Alpha#1234, eXample@9812, example&1254
  • फेसबुक एप्लीकेशन यूज कर रहे हैं तो पहले परमिशन मांगी जाती है यहां यह जान लें कि सामने वाला क्या-क्या जानकारी हमारी प्रोफाइल से ले सकता है।
  • यदि सामने वाला यूजर डिटेल में जानकारी लेता है तो उस एप्लीकेशन को यूज करने से बचें।
  • यदि आप फेसबुक वॉल पर कोई ऐसा फोटो देखते हैं जो गलत है या अच्छा नहीं है तो आप उस फोटो और मैसेज को रिपोर्ट एब्यूस पर क्लिक कर दीजिए। यदि फेसबुक टीम को लगेगा कि इस फोटो और मैसेज को ज्यादा लोग एब्यूज मार्क कर रहे हैं तो वे इन्हें हटा देते हैं।
  • यदि किसी व्यक्ति का आईडी हैक हुआ है और हैकर उसकी प्रोफाइल का मिस यूज कर रहा है तो तुरंत ही पुलिस थाना और सायबर सेल के ऑफिस में शिकायत दर्ज करें।
  • फेसबुक यूजर प्रायवेसी सेटिंग एनेबल करें ताकि आप अपने प्रायवेट नेटवर्क मजबूत बना सकें ताकि कोई भी अनजान व्यक्ति आपकी वॉल पर पोस्ट न कर पाए और न ही आपने जो पोस्ट किया है वह देख पाए।


“गुल्लक कामना करता है की आपका अकॉउंट हैक न हो”

May 09, 2014

Funny Interview - Honest answers to Interview Questions.


Q1. Why did you apply for this job? 
A.  I have applied for many jobs along with this and you called me now. 

Q2. Why do you want to work for this company? 
A.  I have to work for some company who ever gives me a job, I don't have any specific company in mind. 

Q3. Why should I hire you? 
A.  You have to hire some one, you may give me a try. 

Q4. What would you do if this happened? 
A.  Well, it depends my mindset and mood at that situation.

Q5. What is your biggest strength? 
A.  Basically, daring to join any company who pays me well, without thinking of the fate of company.

Q6. What is your biggest weakness? 
A.   Girls.

Q7. What was your worst mistake, and how did you learn from it? 
A.  Joining my earlier company and learnt that I need to jump to get more money, so I am here today.

May 08, 2014

काहे से कि हम गाजीपुरिया है (Proud to be Ghazipurions)

गाज़ीपुरिया होने पर हमें गर्व है
काहे की-
हमलोग के यहाँ idiot नहीं "बकलोल"होता है।।

हमलोग कटने पे बोरोलीन लगाते हैं,क्यूंकि
Dettol से "परपराने" लगता है।।

हमलोग जान से नहीं ना मारते हैं
"मार के मुआ देते हैं"।।

हमलोग गला दबाते नहीं
"नट्टी टीप देते हैं"।।

हमलोग awesome काम नहीं करते
"गर्दा उड़ा देते हैं"।।

हमलोग tension में नहीं आते बस
"हदस" जाते हैं।।

हमलोग का bad day नहीं होता बस
"जत्रा खराब होता है"।।

हमलोग का कपड़ा धोया नहीं
"फिंचा" जाता है।।

हमलोग ताकत नहीं
"बरियारी" दिखाते हैं।।

हमारे लिए train चलती नहीं
"खुल" जाती है।।

हमलोग show off नहीं
"सुखल फुटानी" करते हैं।।

हमारे यहाँ कोई uncivilized नहीं होता
बस "चुहाड़"कहलाता है।।

हम कम् - प- टीसन (competition) नहीं करते 
काहे की "हमसे कोई जीत सकेगा नहीं" !!


नोट: ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश का एक प्रषिद्ध जिला है जो बनारस का पड़ोसी है

लेखक परिचय:
यह रचना हमारे मित्र विनीत त्रिपाठी जी ने भेजी है जो ग़ाज़ीपुर जिले के निवासी है, जिसे हमने अपने मेहमान पोस्ट (Guest Post) शृंखला में प्रकाशित किया है.