January 2015

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January 27, 2015

अब व्हाट्स ऐप चलाये कंप्यूटर, लैपटॉप पर भी - Use WhatsApp on Computer or Laptop

काफी दिनों से लोग गूगल से पूछ रहे थे कि how to download WhatsApp on Computer/Laptop पर गूगल महाराज भी लोगो को बस इधर उधर ही घुमा रहे रहे थे |

कितने मित्र जिन्हे ये मालूम है कि मै तकनिकी क्षेत्र में हूँ वो मुझे फ़ोन करके पूछते कि "यार कोई जुगाड़ बताओ WhatsApp को PC में चलाने का" मै उनको समझाता कि "क्या करोगे PC में चलाके मोबाइल में अच्छा भला तो चल रहा है, अरे भाई ये चैटिंग के लिए है और ये मोबाइल में ही अच्छा है PC को जेब में थोड़े न रख के चलोगे हमेशा"

खैर... काफी दिनों के इंतजार के बाद मशहूर मैसेंजर व्हाट्स ऐप ने अपना वेब एप्लीकेशन भी लांच कर ही दिया जिसका नाम दिया है - WhatsApp Web इसके जरिये आप अपने WhatsApp को आसानी से अपने लैपटॉप या कंप्यूटर में इस्तमाल कर सकते है|

कैसे? आईये जानते है:

Step 1 - सबसे पहले आप अपने लैपटॉप / डेस्कटॉप में Google Chrome इंस्टॉल कर लें (क्युकि अभी ये सिर्फ इसपर चल रहा है) यदि पहले से है तो अच्छी बात है..
Step 2 - अब इस लिंक www.web.whatsapp.com को अपने ब्राउज़र में खोलें, जहाँ आपको QR Code दिखाई देगा..



Step 3 - अब अपने WhatsApp के Main Menu में जाये और उसमे दिख रहे WhatsApp Web पर क्लिक करें..



Step 4 - क्लिक करते ही आपके मोबाइल में QR Reader ऑन हो जायेगा जिसकी सहायता से अपने PC/Laptop पर दिख रहे QR Code को Scane करें..




मुबारक हो आपने WhatsApp को कंप्यूटर में लोग-इन कर लिया है..अब आप इसको मोबाइल कि तरह ही इस्तेमाल कर सकते है |





फायदे:
ये उन लोगो के लिए फायदेमंद हो सकता है जो मोबाइल से ज्यादा वक़्त लैपटॉप पर देते है ऐसे लोगो को बार बार मोबाइल में देखते रहना नहीं पड़ेगा काम करते हुए भी WhatsApps Activities देखते रह सकते है या फिर वो लोग जिनके पास छोटी स्क्रीन साइज के मोबाइल है उनके लिए ये काफी अच्छा है.

नुकसान / कमियाँ:
बात अगर नुकसान की करें तो ये काफी हद तक आपकी गोपनीयता ख़त्म कर सकता है क्युकी WhatsApp कोई सोशल मीडिया नहीं ये एक चैटिंग एप्लीकेशन है जहाँ अपनी निजी बातें भी की जाती है तो ऐसे में ये WhatsApp Web काफी खतरनाक हो सकता है.. साथ ही साथ इसमें काफी कमियाँ भी है अभी मसलन -
  • iPhone यूज़र के लिए अभी ये तैयार नहीं है, 
  • PC से कनेक्ट होने के बावजूद मोबाइल फोन में भी इंटरनेट होना चाहिए यदि मोबाइल से Disconnect हुआ तो PC से भी हो जायेगा तो जिनके पास Wi-Fi नहीं है उनका इंटरनेट का खर्च बढ़ जायेगा.
  • WhatsApp Web में अभी किसीको Block करने या किसी अनचाहे ग्रुप को छोड़ने का विकल्प मैजूद नहीं है यदि आप किसी को Block करना या कोई Group Crate या leave group करना चाहते है तो WhatsApp mobile app का सहारा ही लेना पड़ेगा 

January 16, 2015

ये है वो 10 लोग जिन्हे फिल्म PK का विरोध करना ही चाहिए!!

राजकुमार हिरानी ने फिल्म बनायीं PK और उसमे आमिर खान ने की बेहतरीन एक्टिंग पर इन दोनों ने हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाया, ये अच्छी बात नहीं है. धर्मगुरुओं से लेकर पूरी मनुष्य बिरादरी को भला बुरा कहा. 
विरोध तो बनता है, सिर्फ सोशल मीडिया से बात नहीं बनेगी मोमबत्तिया लेकर सड़कों पर भी उतरना पड़ेगा.

पर इन सबके बीच सवाल ये है की आखिर PK के खिलाफ कौन कौन से लोग मोर्चा खोलें. वैसे तो लम्बी लिस्ट बन सकती है पर इन 10 लोगों का नाराज होना तो बिल्कुल बनता है.
1. राजस्थान के चरवाहों को:
बताइए कोई धरती पर पहली बार आया तो हम उसका स्वागत करेंगे. ये हमारी आदत है, हमें बाप-दादाओं ने यही सिखाया है. राजस्थान वाले तो बोलते भी हैं.. पधारो म्हारे देश. पर ये क्या, रेलवे ट्रैक पर एक चरवाहे को दिखाया, वो भी चोर. ये क्या मजाक है? चरवाहा दर दर की ठोकरें खा लेगा पर एक नंगे शख्स के आभूषण की चोरी, न बाबा न. कर ही नहीं सकता. समाज अपमानित हुआ है.

2. भोजपुरी भाषियों को:
क्या दिन आ गए हैं भोजपुरी के? न व्याकरण सीखा, न कोई क्लास ली. बस बोलने लगे. सीखा भी किससे? एक वेश्या से. वो भी सिर्फ हाथों को छूकर. मतलब दिखाना क्या चाहते हैं ये लोग? एक तो यह तरीका साइंटफिक नहीं है. दूसरा राजस्थान की वेश्या भोजपुरी बोल रही है. वो राजस्थानी क्यों नहीं बोल रही? कहीं उसका ताल्लुक बिहार या यूपी से तो नहीं. ये तो हद हो गई, माना कि बिहार और यूपी में पलायन ज्यादा है, पर यह दिखाना अक्षम्य है.

3. पान वालों को:
पान खाने वालों की बात ही कुछ और होती है. ऐसे ही कोई मुंह उठाके पान खाना नहीं सीख लेता. प्रॉपर ट्रेनिंग लेनी होती है. कितना चबाएं और कब पिचकारी मारें, और बनारस का रोल तो बेहद ही अहम है. वहां जाना पड़ता है. नहीं गए तो अपने शहर या गांव के बनारसी पान भंडार का एक दर्शन लाजमी है. और फिल्मों में तो पान नेताओं के मुख की शोभा बढ़ाता रहा है. तो वेश्याओं को पान खाते क्यों दिखलाया? वो भी राजस्थान की, बनारस की होती तो समझ में भी आता.

4. न्यूज चैनलों को:
कुछ न्यूज चैनल कुत्ता-बिल्ली दिखाते है. ये उनका स्टाइल है. उनकी भी कुछ मजबूरियां रही होंगी. अब किसी स्टेशन पर एक बंदर ने डॉक्टर बनकर दूसरे को बचाया तो स्पेशल रिपोर्ट बनती है न. इसका ये मतलब ये तो नहीं है कि यही हमारी पहचान है. मतलब कुछ भी. स्टूडियो में किसी खूबसूरत एंकर के सामने सबको चीखते-चिल्लाते दिखाते तो बात समझ में आती है. पर उसकी जगह खूबसूरत से हाथों में सड़क से उठाकर किसी पिल्ले को रख दिया. माना वो क्यूट था, पर जर्मन शेफर्ड या लेब्राडोर तो दिखाते, कम से कम पामेरनियन तो बनता है. बहुत बन लिए दूसरों की आवाज, अब मीडिया वालों को खुद के लिए लड़ना होगा.

5. दिल्ली पुलिस को:
दिल्ली पुलिस... आपकी सेवा में सदैव तत्पर. इसका मतलब ये नहीं है कि प्रतिबंधित क्षेत्र में कोई पेशाब करे तो पुलिसवाले भी उसपर नजर रखें. अगर नजर पड़ गई तो डांट-फटकार के काम चला लेंगे, गिरफ्तारी जरूरी है क्या? दिल्ली पुलिस इतनी फुर्सत में नहीं है, बड़े-बड़े गैंग्सटरों और रेपिस्टों को पकड़ती है वो.

6. मंदिर के बाहर पूजन सामाग्री बेचने वालों को:
इस देश की ज्यादातर जनता भगवान भरोसे जी रही है. कुछ उम्मीदों की आस लिए. तो कुछ मंदिरों में वास लिए. पंडितों से लेकर फूल, प्रसाद व मूर्तियां बेचने वाले, हर कोई प्रभु की कृपा पर ही टिका है. अब एक मूर्ति वाला कमाने के लिए अपनी मूर्तियां नहीं बेचेगा तो और क्या करेगा, पर PK में उस शख्स को शातिर दुकानदार दिखा दिया. PK के बच्चे नहीं होंगे, पर उस मूर्तिवाले के तो हैं. दो पैसे ज्यादा कमाएगा नहीं तो घर कैसे चलाएगा. कम से कम मंदिर के सामने भीख तो नहीं मांग रहा है. मेहनत की खा रहा है. इसकी कदर तो करो.

7. दूध बेचने वालों को:
दूध...दूध...दूध... पी सकते हैं रोज ग्लास फुल. वैसे बहुतों को मिल नहीं पाता. पर भगवान के नाम पर कंजूसी का सवाल ही नहीं उठता. क्योंकि मामला उन्हें खुश करने का है. अपनी इच्छाओं की पूर्ति का है. अब PK इसे ढोंग बताता है. अगर लोग दूध चढ़ाना बंद कर दें, तो भगवान तो नाराज होंगे न. साथ में दूधवालों की कमाई का क्या होगा? बेचारे कमाएंगे नहीं तो जीएंगे कैसे?

8. मूर्ति बनाने वाले कुम्हारों और कारीगरों को:
कला ईश्वर की देन है. इसकी कोई ट्रेनिंग नहीं ली जा सकती. भगवान का एक तथास्तु आपको मां की पेट में कलाकार बना देता है. भगवान की मूर्ति भी तो कुम्हार और कारीगर की कलात्मक विद्वता का नमूना है. PK इस कला का अपमान करता है, सवाल पूछता है कि भगवान की मूर्ति तुमने बनाई. वो भी इन हाथों से. कुम्हार और कारीगर भगवान की इस खूबसूरत देन का इस्तेमाल नहीं करेंगे तो और कौन बनाएगा मुर्तियां.

9. हिंदू समाज को:
PK धर्मांधता पर चर्चा चाहता है, अच्छी बात है. पर सवाल यह है कि सिर्फ हिंदू धर्म और उसकी मान्यताओं पर ही क्यों? लगभग तीन घंटे की फिल्म थी, हर धर्म के लिए बराबर-बराबर टाइम बांट लेते. हिंदू धर्म के भक्तों का नाराज होना तो जायाज है.

10. धर्मगुरुओं को:
जिसे कपड़े पहनने का सलीका नहीं, वो बताएगा आस्था के बारे में. पहले ही कोर्ट के कारण बाबाओं के दुर्दिन आए हुए हैं. अब PK भी पीछे पड़ गया. कोई जाती दुश्मनी है क्या? कहता है कि अगर धर्मगुरु चमत्कार कर सकते हैं वो देश की गरीब जनता की भलाई के लिए कुछ करें. तो सरकार क्या करेगी? देश के हर काम का ठेका धर्मगुरुओं ने ही ले रखा है. पहले से ही ज्ञान बांट रहे हैं, ये कम है क्या?