21 वीं सदी का गीतासार

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November 20, 2013

21 वीं सदी का गीतासार

क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो?
कौन तुम्हारी गर्लफ्रेंड को छीन सकता है?
गर्लफ्रेंड न पैदा होती है और न मरती है
वो तो बस बॉयफ्रेंड बदलती है ।।

जो हुआ, वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है,वह अच्छा हो रहा है,
जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा।
तुम पिछली गर्लफ्रेंड के छोड़ के जाने का पश्चाताप न करो।
आने वाली गर्लफ्रेंड की चिन्ता न करो।
अभी तुम्हारे पास जो है उसी के साथ आनंद मनाओ ।।

तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो?
तुम क्या लाए थे, जो तुमने खो दिया?
तुमने क्या पैदा किया था, जो नाश हो गया?
न तुम कुछ लेकर आए , जो लिया यही से लिया।
जो दिया, यहीं पर दिया। 
जो लिया, गर्लफ्रेंड से लिया जो दिया, गर्लफ्रेंड को दिया ।।

खाली हाथ आए और खाली हाथ चले।
जो गर्लफ्रेंड आज तुम्हारी है, कल किसी और की थी ,
परसों किसी और की होगी । तुम इसे अपना समझ
कर मग्न हो रहे हो। बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दु:खों का कारण है।।

परिवर्तन संसार का नियम है। जिसे तुम गर्लफ्रेंड
का छोड़ के जाना समझते हो, वही तो जीवन है।
एक क्षण में तुम करोड़ों के स्वामी बन जाते हो,
दूसरे ही क्षण में तुम दरिद्र हो जाते हो।।

मेरी -तेरी , छोटी -बड़ी , अपना-पराया, गोरी-काली मन से मिटा दो,
फिर सब तुम्हारी है, तुम सबके हो।।

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