"गुल्लक के सभी पाठको को होली की रंग भरी शुभकामनाये"
दोस्तो ये पहली होली है जिसे मै अपने शहर (बनारस) के बाहर (दिल्ली) में मना रहा हूँ | पिछली होली की चर्चा तो मैंने आपसे अपने इस पोस्ट "होली का मज़ा तो बनारस मे है" में की ही थी अब देखते है इस बार होली कितनी रंगीन होती है... फ़िलहाल तो बधायियो का दौर चल रहा है इसलिए मेरी ओर से भी अप सभी को होली ही हुडदंगी शुभकामनाये...
एक लड़की थी दीवानी सी चेहरे पे नकाब डाल के गालियो से गुजारती थी... एक लड़का लड़की पे मरता था... लड़के ने लड़की से कहा अपना ये नाकाब हटा दो.. अपना चान्द सा मुखडा दिखा दो... लड़की ने नकाब ना हटाया चान्द सा मुखड़ा ना दिखाया... लड़का सात दिन तक नजर ना आया... धीरे-धीरे लड़की की उलफत प्यार म बदलने लगी प्यार मे बेबस होकर लड़की लड़के के घर पहुची... पड़ोसी ने बतया तेरे प्यार म वक़्त यू गुजर गया... उस वेचारे का जनाज़ा तो सात दिन पहले ही उठ गया... पड़ोसी ने अपना फ़र्ज़ निभाया, लड़की को लड़के की क़ब्र तक पहुचाया. लड़की क़ब्र पर सिर् रखकर रोने लगी... तभी अन्दर से आवाज़ आई... "वक़्त-वक़्त की बात है, कल तेरे चेहरे पे नकाब था आज मेरे चेहरे पे नकाब है."