कारोबारी दुनिया में एक कहावत है कि “अगर आप किसी सर्विस का मुफ्त इस्तमाल कर रहे है तों समझ लीजिये कि उस कंपनी के लिए आप खुद एक उत्पाद है|”
२ साल पहले फेसबुक के C.E.O से पूछा गया की यदि आपको अपनी साईट में परिवर्तन करना हो तो क्या बदलाव करना पसंद करेंगे? तो उनका जवाब था की सबसे पहले मै इसमें से प्राईवेसी को विदा कर दूंगा|
बात चौकाने वाली जरुर है पर उन्होने वही कहा जो सच है, वैसे भी हम भारतीयो को परवाह नहीं होती की सेक्स के अलावा कोई बात गोपनीय रहे तभी तो हम स्वयं अपनी छोटी से छोटी जानकारी फेसबुक जैसी साईट पर अपडेट करते रहते है, फ़ोन पर आपसी बातचीत इतने ऊँचे स्वर में करते है क़ी आपका जो रहस्य कोई न जानना चाहे वो भी मुफ्त में लोगो के हाथ लाग जाती है|