December 2011

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December 31, 2011

गुजर गया वो साल जो 2011 था.


"बस इसी उम्मीद मे सदिया गुज़ार दी हमने,
गुज़रे साल से शायद ये साल बेहतर हो"

आज हर तरफ लोगो मे जोश है की नये  साल का स्वागत कैसे करें? हर कोई कुछ नया करना चाहता है ऐसे जैसे अब ये साल आएगा तो फिर जाएगा ही नही? किसीके पास वक़्त नही की गुज़रे साल के बारे मे बात करे उसे कोई नही याद करना चाहता जो हमारे साथ 365दिन रहा, जिसके साथ हमने जिंदगी के कई नये आयाम देखे, जिसने हमे रुलाया, हासाया तो कभी सोचने को मजबुर किया | 
2011 ने हमे बहुत कुछ दिया इसी साल हमने क्रिकेट की बादशाहत हासिल की तो दूसरी ओर कामनवेल्थ गेम और फार्मूला वन रेस को सफलता पूर्वक संपन्न करा के International Media मे छा गये, इसी साल हमने देखा की बिना सिर, पैर की कहानी वाली फ़िल्मे अच्छे प्रचार की वजह से सिर्फ़ सुपरहिट ही नही बल्कि अपने लागत का कई गुना अधिक पैसा बटोर सकती है, बड़े पर्दे के साथ छोटा परदा भी खूब चर्चा मे रहा कभी पूनम पांडे, कभी सन्नी लिओन तो कभी सुशील कुमार को लेके, सामाजिक परिद्रिश्य की बात अगर करे तो अभी तक सत्याग्रह, अनशन जैसे शब्दो को किताबों मे पढ़ने वाली पीढ़ी ने 2011 मे न सिर्फ़ इन्हे समझा बल्कि उसका हिस्सा भी बने| भारत दक्षिण एशिया का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र है, साल 2011 ने इसकी तस्दीक़ की| विदेशो से हमारे रिश्ते बहुत अच्छे बने अफ़ग़ानिस्तान ने भारत के साथ कूटनीतिक साझेदारी की, 4-अक्टूबर-2011 तो ऐतिहासिक दिन रहा जब विदेशी फौज अफ़ग़ानिस्तान से वापस जारहे थे और भारत-अफ़ग़ानिस्तान संधि पर दस्तख़त कर रहे थे | 
पिछ्ले 10 साल से आतंक का पर्याय बन चुके 'ओसामा बिन लादेन' जिसको पकड़ना मुस्किल ही नही नामुकिन सा था उसका अंत भी 2011 मे ही हुआ |
कहते है सुख और दुख का चोली दामन का साथ है दोनो एक दूसरे के बिन अधूरे है ऐसी ही कुछ दुखद घटनाए जो साल 2011 के साथ है| 
इसी साल 1 साल मे भूकंप के 3से अधिक झटके आए, मुंबई,देल्ही मे आतंकवादी हमले(जो शायद आगे भी होते ही रहेंगे) हुए, आम जनता महँगाई और भ्रस्टाचार से त्रस्त होके सड़क पर उतर आई जिससे हमारे देश की छॅबी खराब हुई,  भ्रस्टाचार के मामले सबसे अधिक इसी साल सामने आए, कई मशहूर और चहेते लोग (सत्य साई बाबा, एम ऐफ हुसैन, सम्मि कपूर, देव आनंद, जगजीत सिंह, श्री लाल शुक्ला, सत्यदेव दूबे, इंदिरा गोस्वामी, भूपेन हजरिका, पटौदी) हमारा साथ छोड गये |

खैर जो बीत गया वो कल था जो हमे बहुत कुछ सीखा गया जिंदगी का सच भी शायद यही है जो बीत रहा है उसे भूलके उम्मीद का दामन पकड़े आगे बढ़ो, उसे कोई याद नही रखता जो अतीत के पहलू मे रहता है इसलिए अगर हम चाहते है की लोग हमे अतीत समझ के भुला न दें तो हमे बिना थके भविश्य के साथ चलना पड़ेगा |

तो चलिए इसी उम्मीद के साथ हम नये साल का स्वागत करे की वो हमारे लिए नयी उपलब्धिया लाएगा |


 "गुल्लक के सभी पाठको को नव वर्ष 2012 की हार्दिक शुभकामनाए"

December 22, 2011

एक दलित मसीहा ऐसे भी..

क्या आप को मालूम है इस देश मे अपने आपको दलितो का मसीहा कहने वाले और लोकपाल ...मे आरक्षण की मांग करने वाले राम विलास पासवान की शादी जाति के रिवाज के अनुसार १५ साल की उम्र मे समाज की ही एक लड़की के साथ हों गयी थी .. वो रामविलास पासवान के साथ आठ सालो तक रही ..बाद मे रामविलास पासवान IAS मे चयनित हों गए और अपनी दलित पत्नी को छोडकर एक सवर्ण रीना सिन्हा से शादी कर ली .

उनकी पहली दलित बीबी आज भी गांव मे घास काटकर और जानवर चराकर अपना गुजारा करती है|

रामविलास पासवान जी की जो दूसरी नयी नवेली पत्नी हैं वो विजय शर्मा की बहन हैं. अब विजय शर्मा कौन हैं ये सवाल आपके मन में उभरेगा. तो जनाब विजय शर्मा जेवीजी फाईनांस कंपनी के मालिक थे और इस कम्पनी में पैसा जमा करने वाले लोगों का करोड़ों रुपया डकार कर गायब हो गए. इस कम्पनी के उदघाटन समारोह में राम विलास जी गए भी और फीता भी उन्होंने ही काटा|